SMS and Shayari

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कोई मेरी सांसों को छूकर गुजर गया,
आग जज़बातों में लगा कर गुजर गया

मेरी मसरूफियत का आलम न पूछो,
खुद से मिले हुए अरसा गुजर गया

जिसका इन्तजार था सालों से मुझे वो,
दरवाजा-ए-दिल पे दस्तक देकर गुजर गया

तेरे जाने के बाद अब रोता हूँ मैं हाय,
कितनी जल्दी वस्ल का आलम गुजर गया

यूँ भी हुआ मुहब्बत में कि मिलने से पहले,
कई दफा मैं उसकी गली से गुजर गया

ये ग़मों की धूप भी कैसी है मौसम,
कल जो दोस्त था आज बिना देखे गुजर गया !!!

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